CG Rajiv Gandhi Gramin Bhumihin Krishi Majdur Nyay Yojana – सीजी राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना

CG Rajiv Gandhi Gramin Bhumihin Krishi Majdur Nyay Yojana: 20 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री राजीव गांधी की जयंती “ सद्भावना दिवस” के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने’ राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ के हितग्राहियों को दूसरी किश्त राशि168.63 करोड़ रूपए का भुगतान किया ।

छत्तीसगढ़ राज्य में ग्रामीण/ नगरीय आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि मजदूरी पर निर्भर है । छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ सत्र में ही कृषि मजदूरी के लिए पर्याप्त अवसर रहता है । रबी सत्र में फसल क्षेत्राच्छादन कम होने के कारण कृषि मजदूरी के लिए अवसर भी कम हो जाता है । कृषि मजदूरी कार्य में संलग्न ग्रामीणों में अधिकतर लघु सीमांत अथवा भूमिहीन कृषक हैं । इसमें से भूमिहीन कृषि मजदूर को अन्य की अपेक्षा रोजगार के कम अवसर ग्राम एवं नगर पंचायत स्तर पर उपलब्ध होते है । राज्य शासन द्वारा ऐसे वर्ग को संबल प्रदाय करने की दृष्टि से राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना” प्रारंभ किया गया है । योजना प्रदेश के ग्राम पंचायत क्षेत्रों में वित्तीय वर्ष 2021- 22 से लागू किया गया है तथा वित्तीय वर्ष 2023- 24 से नगर पंचायत क्षेत्रों में भी प्रभावशील होगा ।

CG Rajiv Gandhi Gramin Bhumihin Krishi Majdur Nyay Yojana के बारे में

  • शुरुआत वित्त वर्ष 2021- 22 के अंत तक शुरू की जाएगी।
  • योजना की घोषणा 29 जुलाई 2021।
  • योजना का उद्देश्य आर्थिक अनुदान के माध्यम से भूमिहीन मजदूर परिवार के शुद्ध आय में वृद्धि करना।
  • इसके तहत ऐसे परिवारों को हर साल 7000 रुपये दिए जाएंगे ।( जिनके पास खेती की जमीन नहीं है और वे मनरेगा या कृषि मजदूरी से जुड़े हैं)
  • आधिकारिक वेबसाइट : rggbkmny.cg.nic.in

CG Rajiv Gandhi Gramin Bhumihin Krishi Majdur Nyay Yojana के मुख्य बिंदु

  • दूसरी किश्त राशि168.63 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया।
  • योजना के तहत प्रदेश में हितग्राहियों की कुल संख्या5.6 लाख हैं।
  • योजना के तहत अब तक758.03 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है।
  • वित्तीय वर्ष 2023- 24 की पहली किश्त की राशि 112 करोड़ 71 लाख 52 हजार रूपए हैं।

सीजी राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजनाअनुदान सहायता राशि

  • योजनांतर्गत प्रतिवर्ष राशि रूपये 7000/- पात्र चिन्हित हितग्राही परिवार के मुखिया को किश्तों में अनुदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
  • अनुदान सहायता राशि चिन्हित सूचीबद्ध परिवार के मुखिया को सीधे बैंक खाते में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण( DBT) द्वारा की जाएगी।
  • छूटे हुए पात्र हितग्राही परिवार के मुखिया को जिला अनुश्रवण समिति की अनुशंसा पर आर्थिक अनुदान सहायता राशि दी जा सकेगी अनुश्रवण समिति की अनुशंसा पर असत्य जानकारी के आधार पर आर्थिक अनुदान प्राप्त करने वाले हितग्राही परिवार के मुखिया के विरुद्ध विधिक कार्यवाही तथा दी गई अनुदान सहायता राशि भू- राजस्व के बकाया के रूप में वसूल की जा सकेगी।

CG Rajiv Gandhi Gramin Bhumihin Krishi Majdur Nyay Yojana के लाभार्थी

  • चरवाहा
  • बढ़ई
  • लोहार
  • मोची
  • नाई
  • धोबी
  • पुरोहित
  • पौनी- पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार
  • वनोपज संग्राहक

और राज्य के आदिवासी अंचलों में देव स्थलों पर पूजा करने वाले मांझी, चालकी, गायता, सिरहा, बैगा गुनिया, पुजारी, हाट पहरिया, बाजा मोहरिया इत्यादि को हितग्राहियों के अंतर्गत शामिल किया है ।

सीजी राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना हितग्राही परिवार की पात्रता

  1. योजना अंतर्गत पात्रता केवल छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को होगी।
  2. ग्राम पंचायत एवं नगर पंचायत क्षेत्रों में निवासरत भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र होंगे, जिस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है । पट्टे पर प्राप्त शासकीय भूमि तथा वन अधिकार प्रमाण पत्र को कृषि भूमि माना जाएगा।
  3. ग्राम पंचायत/ नगर पंचायत क्षेत्र के भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पुरोहित जैसे- पौनी- पसारी व्यवस्था से जुडे परिवार वनोपज संग्राहक तथा समय- समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्र होंगे, यदि उस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है।
  4. ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों के आदिवासियों के देवस्थल में पूजा करने वाले व्यक्ति जिन्हें पुजारी/ बैगा/ गुनिया/ मांझी आदि नामों से जाना जाता है, तथा आदिवासियों के देव स्थल के हाट पाहाय एवं बाजा मोहरिया, कृषि भूमि धारण करने के बावजूद योजनांतर्गत पात्र होंगें।
  5. ” भूमिहीन कृषि मजदूर” से अभिप्रेत है-” ऐसा व्यक्ति जो कोई कृषि भूमि धारण नहीं करता और जिसकी जीविका का मुख्य साधन शारीरिक श्रम करना है और उसके परिवार का जिसका की वह सदस्य है, कोई सदस्य किसी कृषि भूमि को धारण नहीं करता है।”
  6. ” परिवार से अभिप्रेत है कि किसी व्यक्ति का कुटुम्ब अर्थात् उसकी पत्नी या पति, संतान तथा उन पर आश्रित माता- पिता।
  7. ” कृषि भूमि धारण नहीं करना से अभिप्रेत है कि उस परिवार के पास अंश मात्र भी कृषि भूमि नहीं होना।
  8. कृषि भूमिहीन परिवारों की सूची में से परिवार के मुखिया के माता या पिता के नाम से यदि कृषि भूमि धारित है अर्थात् उस परिवार को उत्तराधिकार हक में भूमि प्राप्त करने की स्थिति होगी तब वह परिवार भूमिहीन परिवार की सूची से पृथक हो जाएगा।
  9. आवासीय प्रयोजन हेतु धारित भूमि कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी।
  10. अपंजीकृत परिवारों को योजनांतर्गत अनुदान की पात्रता नहीं होगी।
  11. पंजीकृत हितग्राही परिवार के मुखिया की मृत्यु हो जाने पर उक्त परिवार के द्वारा पात्रता अनुसार नवीन आवेदन योजनांतर्गत प्रस्तुत किया जाना होगा ।
  12. यदि पंजीकृत हितग्राही परिवार के मुखिया के द्वारा असत्य जानकारी के आधार पर अनुदान सहायता राशि प्राप्त की गई हो, तब विधिक कार्यवाही करते हुए उक्त राशि उससे भू- राजस्व के बकाया के रूप में वसूल की जाएगी।
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